किस पत्ते पर लगाएं भगवान को भोग? भूलकर भी इन धातु के बर्तन का न करें उपयोग, जानें नियम

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हाइलाइट्स

आम के पत्ते को घर के मुख्यद्वार पर तोरण के रूप में लगाया जाता है.
मिट्टी या लकड़ी के बर्तन में भी भोग लगा सकते हैं.

Bhagwan Ko Bhog Lagane Ke Niyam : सनातन धर्म में देवी-देवता की पूजा के बाद भोग लगाने का विधान है. पूजा के समय भोग लगाना सबसे जरूरी माना गया है, इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. बहुत से लोग अनजाने में भोग लगाते समय कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिसका बाद में उन्हें बुरा परिणाम झेलना पड़ सकता है. इसलिए देवी-देवताओं को भोग लगाते समय इन गलतियों को करने से बचना चाहिए ताकि भगवान आपका भोग स्वीकार कर सकें और आपको आशीर्वाद प्रदान कर सकें. भगवान को किस पत्ते पर भोग लगाना चाहिए?आइए जानते हैं दिल्ली के रहने वाले ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्ड्या से.

1. केले का पत्ता
ऐसी मान्यता है कि केले के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है. वहीं केले के पौधे को देव गुरु बृहस्पति से भी जोड़ा जाता है. पूजा-अर्चना में केले के पत्तों का इस्तेमाल होने पर भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से केले के पत्ते धार्मिक कार्य में आने वाली सभी बाधाओं को समाप्त कर देते हैं, इसलिए केले के पत्ते पर भगवान को भोग लगाना बेहद शुभ होता है.

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2. पलाश का पत्ता
पलाश का पुष्प देवी-देवताओं को चढ़ाने से भगवान की कृपा बनी रहती है. वहीं पलाश के पत्ते पर लगाया हुआ भोग स्वर्ण पात्र के समान माना गया है, इसलिए संभव हो तो आप भी भगवान को पलाश के पत्ते में भोग रखकर अर्पित करें.

3. पान का मीठा पत्ता
पान के पत्ते को लेकर मान्यता है कि ईश्वर की पूजा में तमाम तरह के भोग को लगाने के साथ पान चढ़ाने पर देवता शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं. पान के पत्ते का इस्तेमाल न सिर्फ पूजा बल्कि ज्योतिष उपायों के लिए भी किया जाता है.

4. आम के पत्ते
आम के पत्ते को घर के मुख्यद्वार पर तोरण के रूप में लगाया जाता है. मान्यता है कि आम के पत्ते से बना तोरण मुख्य द्वार पर लगाने से लटकाने से घर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के साथ सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है. अगर आम के पत्ते का उपयोग भगवान को भोग लगाने में करते हैं तो ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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5. किस धातु का करें इस्तेमाल
भगवान को भोग लगाने के लिए हमेशा सोना, चांदी, तांबा या पीतल का पात्र ही चुनें. इसके अलावा मिट्टी या लकड़ी के बर्तन में भी भोग लग सकता है. भोग लगाने के लिए कभी भी एल्यूमीनियम, लोहा, स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. भोग लगाने के बाद इसे कुछ देर के लिए मंदिर में ही छोड़ दें, फिर सभी में बांट दें.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion

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