Kannada Movie Avatara Purusha 2: जितनी उम्मीद थी, उतना नहीं चला दर्शकों पर ‘काला जादू’

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Kannada Movie Avatara Purusha 2 Review: साउथ सिनेमा 5 अप्रैल को भी कई शैली (genre) की फिल्में लेकर आया है. पहले जानते हैं किस भाषा में कौन-सी फिल्म रिलीज हुई है. तेलुगु में 5 बड़ी फिल्में आई हैं. ये हैं, कॉमेडी क्राइम-भरतनाट्यम (Bharathanatyam),एक्शन और रोमांटिक ड्रामा- ओह! (Oh!), एक्शन और कॉमेडी-द फैमिली स्टार (The Family Star), साइकोलॉजिकल और सस्पेंस-बहुमुखम-गुड, बैड एंड द एक्टर(Bahumukham-Good, Bad & The Actor) के अलावा एडवेंचर और थ्रिलर-मंजुम्मेल बॉयज़(Manjummel Boys).

तमिल में भी 7 बड़ी फिल्में रिलीज हुई हैं. ये हैं, एनिमेशन और फैंटेसी-डबल टकर (Double Tuckerr), ड्रामा-आलक़लम (Aalakaalam), क्राइम और थ्रिलर-वल्लवन वागुथथाडा (Vallavan Vaguthathada), ड्रामा-ओरु थावरु सीधल (Oru Thavaru Seidhal), क्राइम और थ्रिलर-व्हाइट रोज़ (White Rose) और साइंस और फिक्शन- इराविन कंगल (Iravin Kangal).

कन्नड़ सिनेमा भी 5 बड़ी फिल्में लेकर आया है. एक्शन और ड्रामा- भरजारी गांडू (Bharjari Gandu), फैंटेसी और थ्रिलर-अवतार पुरुष-2(Avatara Purusha 2), कॉमेडी और ड्रामा-मैरीगोल्ड (Marigold), क्राइम और ड्रामा-द डार्क वेब (The Dark Web) के अलावा ड्रामा और थ्रिलर-मैटिनी (Matinee). मलयालम सिनेमा इस बार 3 प्रमुख फिल्में लेकर आया है. एक्शन और ड्रामा-बादल: द मेनिफेस्टो (Badal The Manifesto), हॉरर और थ्रिलर-एल (L) और ड्रामा-चप्पाकुथु (Chappakuthu).

कन्नड़ फिल्म अवतार पुरुष-2 काफी चर्चा में है. करीब 2 घंटे 4 मिनट की ये फिल्म एक्शन- फैंटेसी और थ्रिलर है. फिल्म का निर्देशन सिम्पल सुनी ने किया है. निर्माता पुष्कर मल्लिकार्जुनैया हैं. इस सीक्वल में शरण, साईकुमार, आशिका रंगनाथ, सुधारानी, साधु कोकिला और हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार आशुतोष राणा प्रमुख भूमिका में है.

अगर पहले फिल्म की कहानी पर बात करें तो यह काले जादू(dark magic) पर आधारित है. फिल्म को हल्के-फुल्के अंदाज में बनाया गया है, ताकि दर्शक बोरियत महसूस न करें. कॉमेडी-ड्रामा के तौर पर प्रस्तुत ‘अवतार पुरुष 2’ पहले 22 मार्च को रिलीज़ होनी थी, मगर किन्हीं कारणों से तारीख 5 अप्रैल करनी पड़ी.

‘अवतार पुरुष 2’ एक मौलिक कहानी बताई गई है. यह अलग बात है कि ये पार्ट-1 के कुछ पहलुओं को जोड़कर रखती है. हालांकि कहानी में कई दिलचस्प मोड़ हैं. इस सीक्वेल का पहला पार्ट-अस्तादिगबंदनमदलकम(Astadigbandanamadalakam) नाम से 6 मई, 2022 को रिलीज हुआ था.

फैंटेसी और ड्रामा शैली में दुनियाभर में धूम मचाने वाली हॉलीवुड की फिल्म सीरिज हैरी पॉटर(Harry Potter) के बाद उसकी देखादेखी कई फिल्में आईं. बॉलीवुड से लेकर साउथ सिनेमा तक सबने हैरी पॉटर की तर्ज परप फैंटेसी ड्रामा रचा. इस प्रयास में कुछ सफल हुए, तो कुछ नाकाम.

आदिपुरुष-2 इसी परंपरा को आगे बढ़ाती है. हालांकि इसमें देसी तड़का मारा गया है. जैसा कि टेलिविजन के शुरुआती दौर में घर-घर लोकप्रिय हुए सीरियल ‘रामायण’ के पात्र हाथों को हिलाकर या फूंक मारकर अस्त्र-शस्त्र चलाते थे, यह ट्रिक आज भी हिंदी सिनेमा में अपनाई जाती रही है. जादू-टोना पद्धति में भी सदियों से यही प्रयोग दिखाया जाता रहा है. आदिपुरुष-2 में भी यही देखने को मिला.

फैंटेसी और हॉरर फिल्मों में बैकग्राउंड म्यूजिक का बड़ा प्रभाव होता है. अगर ‘पुष्कर फिल्म्स’ और ‘मोहन फिल्म्स’ के बैनर तले बनी इस फिल्म की बात करें, तो अर्जन जन्य की मेहनत नजर आती है. म्यूजिक दर्शकों को बांधे रखता है. लेकिन म्यूजिक में कुछ नयापन नहीं है.

फिल्म के वीएफएक्स ठीक हैं. अभिषेक एम ने इन पर काम किया गया है. सिनेमेटोग्राफर विलियम डेविड और संपादक मनु शेडगर का काम भी अच्छा है. फिल्म की कहानी में कुछ नयापन नहीं है, मगर सुनी और शीलम एम स्वामी ने अपनी टीम के साथ मिलकर इसे मनोरंजक बनाने की कोशिश की है.

फिल्म का फॉर्मूला पुराना है. इसमें मध्ययुगीन भारत (medieval India) का प्लॉट लिया गया है. इसमें राम जोइस नामक एक परिवार का छोटा बेटा मेला घूमने जाता है. अचानक वो वहां बने प्राचीन मंदिर से लापता हो जाता है. कहानी इसी घटनाक्रम के इर्द-गिर्द घूमती है. कहानी जादुई शक्तियों वाले एक त्रिशंकु पत्थर का हासिल करने की साजिशें दिखाती है.

फिल्म की स्टंट कोरियोग्राफी विक्रम मोर की है. ये ठीक-ठाक बन पड़े हैं. इस फिल्म में कॉस्टयूम डिजाइनर अरुंधति अंजनप्पा को काफी मेहनत करनी पड़ी. आर्ट डायरेक्टर उल्लास हैदर का काम भी दिखता है.

जिन दर्शकों को इसका पार्ट-1 पसंद आया था, उनके लिए यह मनोरंजक फिल्म है. लेकिन जिन्होंने पार्ट-1 को नकार दिया था, वे शायद इसे भी पसंद न करें. वैसे, जिन्हें जादुई दुनिया, भूत-प्रेत और रहस्यमयी कहानियां अच्छी लगती हैं, वे इसे एक बार देख सकते हैं. जहां, तक अभिनय की बात है, तो सभी ने बेहतर अभिनय देने की कोशिश की है.

आमतौर पर प्रचारित किया जाता रहा है कि साउथ सिनेमा में कन्नड़ फिल्मों की मेकिंग उतनी बेहतर नहीं होती, जितनी उम्मीद की जाती है. हालांकि प्रोड्यूसर पुष्कर मल्लिकार्जुनैया का तर्क है कि जब आप उनकी फिल्म देखेंगे, तब पता चल जाएगा कि उन्होंने कितनी भव्यता के साथ ये फिल्म बनाई है.

पौराणिक कहानियां सभी को पसंद आती हैं, यह फिल्म भी उसे ही भुनाने की कोशिश है. शरण अच्छी कॉमेडी कर लेते हैं, लेकिन अवतार पुरुष-2 में उनके लिए ऐसा कुछ खास करने को नहीं था. फिल्म में ब्लैक मैजिक से दर्शकों को डराने की कोशिश की गई है, लेकिन ये कहीं-कहीं बोरियत पैदा करता है. कई जगहों पर दृश्य बिखरते से दिखते हैं. खैर, फिल्म उतनी भी बेकार नहीं है कि देखी न सके. अगर अवतार पुरुष-2 की तुलना हैरी पॉटर जैसी फिल्म से न की जाए, तो इसे बैठकर देखा जा सकता है.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

Tags: Film review, South cinema

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