Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पर न दिखे चांद तो क्या करेंगी आप? ज्योतिषाचार्य से जानें यह आसान उपाय, पल में दूर हो जाएगी समस्या

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हाइलाइट्स

आज करवा चौथ के दिन चांद रात में 08 बजकर 15 मिनट पर निकलेगा.
आपके शहर में चांद दिखाई न दे तो आप ज्योतिष के विकल्प की मदद ले सकती हैं.
शिव जी के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूरा कर सकती हैं.

आज 1 नवंबर को देशभर में करवा चौथ मनाया जा रहा है. सुहागन महिलाएं अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए आज निर्जला व्रत हैं. इस व्रत में अन्न, जल, फल सबका त्याग किया जाता है. करवा चौथ को प्रदोष काल में मां गौरी, श्री गणेश और भगवान शिव की पूजा करते हैं. फिर रात में चंद्रमा के दिखाई देने पर अर्घ्य देकर पारण करते हैं. कई बार खराब मौसम के कारण चांद दिखाई नहीं देता है. यदि आज करवा चौथ की रात चांद न दिखे तो आप क्या करेंगी? आप कैसे अर्घ्य देकर पारण करेंगी? परेशान न हों, काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि चांद दिखाई न देने पर करवा चौथ का अर्घ्य कैसे दिया जाएगा?

करवा चौथ 2023: कब निकलेगा चांद?
आज करवा चौथ के दिन चांद रात में 08 बजकर 15 मिनट पर निकलेगा. यह समय देश की राजधानी नई दिल्ली का है. स्थान विशेष के हिसाब से चंद्रोदय के समय में कुछ परिवर्तन संभव है.

करवा चौथ 2023: चांद न दिखने पर ऐसे दे सकते हैं अर्घ्य
आज करवा चौथ पर आपके शहर में चांद दिखाई न दे तो आप ज्योतिष के विकल्प की मदद ले सकती हैं. इसके लिए चंद्रोदय समय पर चांदी के सिक्के या फिर चांदी की गोल प्लेट को चंद्रमा का प्रतिरुप मानकर अर्घ्य दे सकती हैं. अर्घ्य की विधि वैसे ही होगी, जैसा की आप पहले करती आई हैं, बस चंद्रमा की जगह पर चांदी की प्लेट या चांदी का सिक्का रखना होगा.

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इसके अलावा एक और उपाय है. भगवान शिव अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करते हैं, इसलिए उनको चंद्रशेखर कहा जाता है. आप शिव जी के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूरा कर सकती हैं.

ज्योतिषशास्त्र में नवग्रहों के शुभ धातुओं के बारे में बताया गया है. चंद्रमा की प्रिय धातु चांदी है. चंद्रमा मन का कारक है. इसके प्रबल होने से सुख-समृद्धि और आयु में वृद्धि होगी. मन स्थिर रहेगा. कुंडली में जिनका चंद्रमा खराब होता है, उनको चांदी का चंद्रमा बनाकर गले में पहनने के लिए कहते हैं.

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चंद्रमा को देखकर क्यों करते हैं करवा चौथ व्रत का पारण?
ज्योतिषाचार्य भट्ट का कहना है कि शास्त्रों में करवा चौ​थ के दिन चंद्रमा को देखकर पारण करने का विधान नहीं है. हालांकि यह मान्यता है कि चंद्रमा की पूजा से सुख-समृद्धि और आयु बढ़ती है क्योंकि चंद्रमा को भगवान शिव की कृपा से नया जीवनदान मिला था, उनकी आयु में वृद्धि हुई थी. चंद्रमा को उनके ससुर दक्ष प्रजापति ने श्राप दिया था, जिसके कारण वे क्षय रोग से ग्रसित हो गए थे और दिन प्रति दिन अपनी चमक खोते जा रहे थे.

एक पौराणिक मान्यता यह है कि जब भगवान शिव ने गणेश जी के मस्तक को त्रिशूल से काट दिया था तो वह चंद्रलोक में जाकर ​गिरा था. फिर उनको गज मुख लगाया गया. बाद में गणेश जी को प्रथम पूज्य का वरदान शिवजी से प्राप्त हुआ. माना जाता है कि उनका सिर चंद्र लोक में है और गणेश जी प्रथम पूज्य भी हैं, इसलिए करवा चौथ पर गणेश और चंद्रमा की पूजा करते हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Karva Chauth, Karwachauth

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