Chhath Puja 2023 Katha: छठ पूजा में पढ़ें यह कथा, छठी मैया पूरी करेंगी हर आस, मिल सकता है संतान प्राप्ति का वरदान

0
75

हाइलाइट्स

छठी मैया के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है.
छठ पूजा 19 नवंबर को है. इसका प्रारंभ 17 नवंबर को नहाय खाय से हुआ है.

छठ पूजा के दिन सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं. छठी मैया के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. जिन लोगों के वंश की वृद्धि नहीं होती है, वे पुत्र प्राप्ति के लिए छठ पूजा करते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है. राजा प्रियंवद की पौराणिक कथा में भी इसके बारे में बताया गया है. इस साल छठ पूजा 19 नवंबर को है. इसका प्रारंभ 17 नवंबर को नहाय खाय से हुआ है. 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और पारण करने के बाद छठ पूजा का समापन होगा. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं छठी मैया की पौराणिक ​कथा.

छठ पूजा की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा प्रियंवद को कोई संतान नहीं थी. उनकी पत्नी मालिनी इस बात से काफी दुखी रहती थीं.​ विवाह के काफी समय बाद भी उनको संतान का सुख प्राप्त नहीं हुआ. एक दिन वे कश्यप ऋषि के पास पहुंचे और अपने मन की व्यथा बताई. तब उन्होंने राजा प्रियंवद को पुत्र सुख पाने के लिए एक यज्ञ करने को कहा.

कश्यप ऋषि के सुझाव को मानकर राजा प्रियंवद ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ का आयोजन किया. सभी ऋषि और मुनियों की मदद से यज्ञ पूर्ण हुआ. उसके बाद रानी मालिनी को यज्ञ का खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण करने को दिया गया.

उस यज्ञ और प्रसाद के शुभ प्रभाव से रानी मालिनी गर्भवती हो गईं. इस खबर को पाकर राजा प्रियंवद बेहद खुश हुए. समय आने पर रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया. लेकिन वैद्य ने बताया कि पुत्र मृत पैदा हुआ है. इससे राजा प्रियंवद बहुत दुखी हो गए. वे उस पुत्र के शव को लेकर श्मशान गए और पुत्र के वियोग में स्वयं के प्राण देने का भी फैसला कर लिया.

जैसे ही वे अपने प्राण त्यागने के लिए आगे बढ़े, वैसे ही देवी देवसेना प्रकट हुईं. उन्होंने राजा प्रियंवद को प्राण त्यागने से रोका और कहा कि उनका नाम षष्ठी है. तुम देवी षष्ठी की पूजा करो और अपनी प्रजा को भी इसके लिए प्रेरित करो.

देवी षष्ठी की आज्ञा से राजा प्रियंवद राजमहल में आ गए. फिर उन्होंने पुत्र प्राप्ति के उद्देश्य से कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को छठ पूजा की और व्रत रखा. छठी मैया की कृपा से उनको पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. उसके बाद से हर साल राजा प्रियंवद के राज्य में छठ पूजा होने लगी.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि आप जिस भी शुभ मनोकामना से छठ पूजा विधि विधान से करते हैं, वह छठी मैया की कृपा से पूर्ण होता है. छठ पूजा करने से संतान, सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है.

Tags: Bihar Chhath Puja, Chhath Mahaparv, Chhath Puja, Dharma Aastha

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here