महाशिवरात्रि पर हुआ था शिव-पार्वती विवाह? कहीं आपको भी तो नहीं गलत जानकारी, जान लें क्या कहता है शिव पुराण

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हाइलाइट्स

भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन मार्गशीर्ष माह में हुआ था.
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान भोलेनाथ लिंग रूप में प्रकट हुए थे.
महाशिवरात्रि को भगवान शिव के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाते हैं और शिवलिंग पूजा करते हैं.

इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 08 मार्च को मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि के दिन भगवान ​भोलेनाथ की पूजा और व्रत रखने का विधान है. लोगों की मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. भगवान शिव सबसे पहले महाशिवरात्रि पर दिव्यलिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे. शिव पुराण में महाशिवरात्रि के बारे में क्या बताया गया है इस बारे में हमें बता रहे हैं श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी.

क्या महाशिवरात्रि पर हुआ था शिव-पार्वती विवाह?

ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी का कहना है कि भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन मार्गशीर्ष माह में हुआ था, जो अंग्रेजी कैलेंडर के नवंबर या दिसंबर माह में आता है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को उनका विवाह नहीं हुआ था. लोग उनके विवाह को भी महाशिवरात्रि से जोड़ देते हैं. शिव महापुराण के रुद्रसंहिता में बताया गया है कि शिव-पार्वती का विवाह मार्गशीर्ष यानी अगहन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था. इसके बारे में रुद्रसंहिता के 58-61वें श्लोक में वर्णन है.

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महाशिवरात्रि पर प्रकट हुआ था दिव्य शिवलिंग

ईशान संहिता में बताया गया है कि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान भोलेनाथ लिंग रूप में प्रकट हुए थे. ईशान संहिता में दिव्य शिवलिंग के प्रकट होने के संदर्भ में श्लोक है- माघकृष्ण चतुर्दश्यामादिदेवो महानिशिशिवलिंगतयोद्रूत: कोटिसूर्यसमप्रभ॥

इस वजह से उस दिन महाशिवरात्रि मनाते हैं. भगवान विष्णु और ब्रह्म देव ने सबसे पहले शिवलिंग की पूजा की थी. महाशिवरात्रि को भगवान शिव के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाते हैं और शिवलिंग पूजा करते हैं.

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महाशिवरात्रि पर दूसरा मत

कुछ विद्वान मानते हैं कि शिव शक्ति के बिना अधूरे हैं. शिवलिंग में शिव और पार्वती दोनों ​ही शामिल हैं. एक के बिना दूसरा अधूरा है. शिव और शक्ति का संयुक्त रूप दिव्य शिवलिंग था. दोनों पहली बार एक साथ इस रूप में ही प्रकट हुए. इस वजह से आम जनमानस में महाशिवरात्रि को शिव-पार्वती विवाह की तिथि के रूप में माना जाता है.

महाशिवरात्रि 2024 के मुहूर्त

इस साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 08 मार्च को रात 09:57 बजे से लेकर 9 मार्च को शाम 06:17 बजे तक है. 8 मार्च को महाशिवरात्रि की रात्रि पूजा मुहूर्त 12:07 एएम से 12:56 एएम तक है.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Mahashivratri

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