Jungle Cry Review: हमारे हिंदुस्तान में जज्बे, संघर्ष और जुनून की कई ऐसी कहानियां हैं, जो अगर पर्दे पर न आएं तो हमें शायद उनके बारे में कभी पता ही न चले. चाहे झुग्गी के बच्चों का विदेश जाकर फुटबॉल खेलने की कहानी हो या फिर 1983 में एक अंडरडॉग टीम के वर्ल्ड कप जीतकर देश लाने की कहानी हो, फिल्में अक्सर पर्दे के पीछे की कहानियां हमारे सामने लाती रही हैं. ऐसी ही एक कहानी है ‘जंगल क्राई’ जो कलिंगा इंस्टीट्यूट के 12 आदिवासी लड़कों के जूनियर रग्बी वर्ल्डकप जीतने की सच्ची कहानी हमारे सामने रखती है. ‘जंगल क्राई’ 3 जून को लॉइंसगेट प्ले पर रिलीज हो रही है.
कहानी: कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस में रुद्र (अभय देओल) बड़ी मुश्किल से गांव-गांव घूमकर फुटबॉल खेलने वाले लड़कों को इकट्ठा करता है और उनकी एक टीम बनाता है. लेकिन इसबीच पॉल यूके से रग्बी के नए खिलाड़ियों को खोजते हुए भारत आते हैं, जो रुद्र के इन लड़कों को फुटबॉल की जगह रग्बी जूनियर वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के लिए तैयार करना चाहते हैं. रुद्र को ये बात काफी खटकती है, क्योंकि वो फुटबॉल वर्ल्डकप की तैयारी कर रहा है. लेकिन फिर शुरु होता है सफर इन बच्चों को रग्बी खिलाने का और वर्ल्डकप जीतने के लिए तैयार करने का. लेकिन क्या ये लड़के लंदन जाकर ये विश्वकप जीत पाते हैं… ये जानने के लिए आपको ये फिल्म देखनी होगी.
मीडिया की दुनिया में ये कहा जाता है कि दर्शक क्राइम, सिनेमा और क्रिकेट से कभी बोर नहीं होते. इससे जुड़ी खबरों में उनकी रुचि हमेशा बनी रहती है. फिल्मों की बात करें तो मामला थोड़े ट्विस्ट के साथ यहां भी सही बैठता है. सिनेमा में सिर्फ क्रिकेट ही नहीं स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्मों का अक्सर पसंद किया जाता रहा है. इतना ही नहीं, जिन खेलों ने देश में कभी ज्यादा भीड़ नहीं जुटाई, कई बार फिल्मों के चलते उन खेलों में भी दर्शकों ने रुचि लेनी शुरू कर दी है. अभय देओल के अभिनय से सजी ये फिल्म भी आपको रग्बी जैसे खेल का पूरा मजा देगी. अगर आप इस खेल से वाकिफ नहीं हैं, तो फिल्म के कुछ सीन आपका इस विदेशी खेल से तारुफ कराने का काम भी करेंगे.
अभिनय की बात करें तो अभय देओल हमेशा से ही अपनी नेचुरल एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं. वह पर्दे पर अभिनय नहीं करते, बल्कि अक्सर इतनी सहजता से स्क्रीन पर नजर आते हैं कि आपको वह किरदार ही लगने लगते हैं. एमिली शाह की फिल्म में एंट्री लगभग इंटरवेल के बाद ही होती है, लेकिन वो जब भी स्क्रीन पर आई हैं, अच्छी लगी हैं. एमिली और अभय के कई सीन्स में काफी सुकून और ठहराव है.
इस फिल्म में अभय देओल के साथ, एमिली शाह नजर आएंगी.
हाल ही में निर्देशक नागराज मंजुले की अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म ‘झुंड’ रिलीज हुई थी. अगर आपने ये फिल्म देखी है तो ‘जंगल क्राई’ देखते हुए आपको शुरुआत में ‘झुंड’ की याद जरूर आएगी. कंचे का डिब्बा लेकर भागते बच्चे और फिर सीधा स्कूल के ग्राउंड में खेलते बच्चे. ‘जंगल क्राई’ की अच्छी बात ये है कि यहां कुछ भी लाग-लपेट के साथ नहीं दिखाया गया है और न ही अभय देओल को हीरो बनाने के लिए किसी दूसरे कोच को या व्यक्ति को जबरदस्ती का विलेन बनाया गया है.
बीच-बीच में फिल्म से जुड़े किरदार कहानी पर अपना नजरिया बताते हुए भी नजर आते हैं जिसके चलते आपको इस फिल्म से डॉक्यूमेंट्री वाले ट्रीटमेंट की फीलिंग आने लगती है. लेकिन कहानी को कहने का ये अंदाज खटकता बिलकुल नहीं है. हां मुझे लगता है कि कहानी की स्पीड थोड़ी बढ़ाई जा सकती थी. साथ ही कुछ-कुछ सीन्स देखते हुए आपको लगेगा कि ऐसी ही सिच्युएशन आप पहले भी किसी स्पोर्ट्स-ड्रामा फिल्म में देख चुके हैं.
निर्देशक सागर बालारे की फिल्म ‘जंगल क्राई’ एक बार जरूर देखनी चाहिए, सिर्फ अभिनय के लिए नहीं बल्कि उस सच्ची कहानी के लिए जिसका पर्दे पर आना बेहद जरूरी था. मेरी तरफ से इस फिल्म को 3 स्टार.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
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Tags: Abhay deol, Movie review
FIRST PUBLISHED : June 2, 2022, 07:20 IST