Film Review ‘The Adam project’: आपका भविष्य आपके वर्तमान से मिलेगा, तो हंगामा होना ही है

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Film Review ‘The Adam project’: गुस्सा करना आसान है, इसलिए लोग अब दुखी नहीं होते, बस गुस्सा करते हैं. एक लाजवाब लाइन के साथ आज के समय की हकीकत बयां करती ये टाइम ट्रेवल फिल्म “द एडम प्रोजेक्ट (The Adam project)” एक बेहतरीन फिल्म है, जो अपनी कमियों के बावजूद, अपनी तकरीबन घिसीपिटी कहानी के बावजूद, देखने वालों को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में बनाये रखती है. नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज़ इस फिल्म को बच्चे और बड़े, दोनों देख सकते हैं, अगर वो कुछ अंग्रेजी गालियों को नज़रअंदाज़ करें तो. फिल्म मज़ेदार है. कई जगह तकनीकी खामियां नज़र आती हैं और इन सबके बावजूद, दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करती है.

सन 2050 में एक संकट से जूझता फाइटर पायलट एडम (रायन रेनॉल्ड्स) रीड अपने पिता (लुई रीड मार्क रफैलो) के बनाये टाइम ट्रेवल जेट से अपने अतीत में साल 2018 जाना चाहता है, क्योंकि उसकी फाइटर पायलट पत्नी लौरा (ज़ोई सल्डाना) भी टाइम ट्रेवल करते हुए वहीं गायब हुई थी. एक तकनीकी खराबी की वजह से एडम पहुंच जाता है 2022 में जहां उसकी मुलाक़ात होती है. अपने आप से यानी अपने 12 साल की उम्र वाले अवतार (वॉकर स्कोबेल) से. 2021 में एडम की पिता की मौत हो चुकी है और वॉकर अभी तक इस सदमे से उबरा भी नहीं है और उसकी मां (जेनिफर गार्नर) भी वॉकर से कैसे डील करना है ये समझ नहीं पाती है.

रायन को तलाशते हुए उसके दुश्मन 2022 में पहुंच जाते हैं और उस पर हमला बोल देते हैं लेकिन ऐन वक़्त पर लारा वहां पहुंच कर एडम की जान बचाती है. एडम अपने छोटे स्वरुप के साथ अपने पिता से मिलना चाहता है इसलिए वो फिर से टाइम ट्रेवल कर के अपने पिता से मिलता है और उन्हें बताता है कि टाइम ट्रेवल की उनकी खोज सफल हुई है लेकिन उनकी पार्टनर माया सोरियन (कैथरीन कीनर) ने इस टेक्नोलॉजी पर कब्ज़ा कर लिया है और वो भविष्य में सबसे शक्तिशाली औरत बनने की तैयारी कर रही है. लुई रीड, एडम रीड 2050 वाला और एडम रीड 2012 वाला मिल कर माया को हरा देते हैं और टाइम ट्रेवल की मशीन को नष्ट कर देते हैं.

दुनिया भर में टाइम ट्रेवल पर कई फिल्में और टेलीविज़न सीरियल बन चुके हैं. एचजी वेल्स की 1895 की कहानी “द टाइम मशीन” इस तरह की सब कहानियों का उद्गम स्त्रोत मानी जाती है लेकिन सबसे पहले 1773 में रचित सैमुएल मैडन की कहानी मेमॉयर्स ऑफ़ द ट्वेंटिएथ सेंचुरी में टाइम ट्रेवल का ज़िक्र किया गया था. द एडम प्रोजेक्ट में टाइम ट्रेवल का सही इस्तेमाल किया गया है. फिल्म इतनी मज़ेदार कि पूरे समय स्क्रीन पर कुछ न कुछ ऐसा होता रहता है जो दर्शकों को पकड़ कर रखता है.

रायन रेनॉल्ड्स आज के दौर के सफल अभिनेता हैं. उन्हें डेडपूल नाम का किरदार निभाने की वजह से अपार लोकप्रियता मिली है. उनकी पत्नी ब्लेक लाइवली भी अत्यंत सफल अभिनेत्री हैं और दोनों की जोड़ी पूरे हॉलीवुड में बहुत पसंद की जाती है. डेडपूल में रायन की डायलॉगबाज़ी बहुत पसंद की गयी थी और द एडम प्रोजेक्ट में इसी फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है. 12 साल के रायन की भूमिका में वॉकर ने गज़ब तूफ़ान मचा दिया है. वॉकर की यह पहली फिल्म है और क्या कमाल अभिनय किया है.

अपने पिता की मृत्यु के बाद अपने दर्द से जूझते और अपनी मां से नाराज़ वॉकर, जब अपने भविष्य वाले रायन से मिलते हैं तो उस से भी नाराज़ होते रहते हैं. रायन और वॉकर की आपसी बातचीत में चुटीले संवादों ने मज़ा ला दिया है. रायन को ये देख कर बहुत अजीब लगता है कि वॉकर बड़ा ही अकेला, खड़ूस और बकवास करने वाला लड़का है. फ्यूचर का रायन अपने भूतकाल के वॉकर को एक बेहतर इंसान बनने की सलाह देता ही रहता है. रायन और वॉकर का अपने पिता मार्क रफैलो से मिलने के दृश्य में भी लाजवाब कल्पनाशीलता है. यहां भी डायलॉग्स ने सीन को यादगार बना दिया। जोई सल्डाना, जेनिफर गार्नर के रोल छोटे थे और सटीक थे. फिल्म रायन, वॉकर और मार्क की आपसी केमिस्ट्री पर बनी है. निर्देशक शॉन लेवी ने एक बेहद संतुलित स्क्रिप्ट पर एक पूरी तरह से मज़ेदार फिल्म बना दी है.

एक्शन सीक्वेंस थोड़े बोरिंग लग सकते हैं क्योंकि एकदम कॉमिक बुक टाइप का एक्शन है. स्टंट कोऑर्डिनेटर जेम्स चर्चमेन की समस्या रही होगी कि भविष्य काल, भूतकाल और वर्तमान काल में से किस काल को लेकर एक्शन सीक्वेंस बनाये जाएं. माया का किरदार बतौर विलन अच्छा बनाया गया था लेकिन कंप्यूटर ग्राफ़िक्स की मदद से उसके बदलते चेहरे को लेकर फिल्म का सोशल मीडिया पर काफी मज़ाक बनाया जा रहा है. फिल्म की लेखनी या फिल्म का स्केल ऐसा नहीं है कि स्टार वॉर या स्टार ट्रेक जैसा रस आये और न ही इंटरस्टेलर या ग्रेविटी जैसी संवेदनशीलता पर फोकस किया गया है.

हो सकता है कि एक दो साल बाद द एडम प्रोजेक्ट को दर्शक भूल भी जाएं लेकिन जब आप फिल्म देख रहे होते हैं तब तक मज़ा आता रहता है. टीएस नौलिन की लिखी स्क्रिप्ट पर अक्टूबर 2012 में काम करना शुरू कर दिया था और हीरो के तौर पर टॉम क्रूज से बात भी हो गयी थी. कई महीनों तक स्क्रिप्ट पर काम चलता रहा लेकिन बात कुछ बन नहीं रही थी. जुलाई 2020 में नेटफ्लिक्स ने फिल्म निर्माण में जुड़ने का तय किया और शॉन लेवी को बतौर निर्देशक और रायन रेनॉल्ड्स को बतौर हीरो साइन किया गया. शॉन और रायन इस से पहले एक और हिट कॉमेडी साथ में कर चुके थे – फ्री गाय. द एडम प्रोजेक्टकी सफलता के बाद अब डेडपूल 3 में रायन और शॉन एक बार फिर साथ काम करेंगे. नेटफ्लिक्स के चाहनेवाले शॉन को स्ट्रेंजर थिंग्स के निर्देशक के तौर पर बेहतर जानते हैं.

एक हंसी खेलती मुस्कुराती गुदगुदाती और चुटीले संवादों से भरी द एडम प्रोजेक्ट को देखा जाना चाहिए क्योंकि लाइफ हमेशा सीरियस नहीं होती.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

रॉब सिमोनसेन/5

Tags: Film review, Hollywood movies

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