20th anniversary of gadar movie: “हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा” यह डाइलॉग आप सभी बॉलीवुड प्रेमियों को सनी देओल की आवाज में ही सुनाई दिया होगा। यही तो एक सच्चे बॉलीवुड प्रेमी की पहचान होती है कि उन्हें पूरी फिल्म के सारे डाइलॉग मुँह जबानी याद रहते है। आज इस लेख को लिखने का मुख्य कारण यह है कि सनी देओल और अमीषा पटेल की फिल्म गदर: एक प्रेम कथा(Gadar: ek prem katha) आज अपनी 20वीं सालगिरह मना रही है। मतलब कि गदर फिल्म को आज रिलीज हुए 20 साल हो गए है, तो आज इस फिल्म से जुड़े हुये कुछ अनसुने और आश्चर्यजनक तथ्यों के बारे में जानकारी लेंगे।
गदर: एक प्रेम कथा एक नजर में
फिल्म का नाम | गदर: एक प्रेम कथा |
डायरेक्टर का नाम | अनिल शर्मा |
रिलीज डेट | 15 जून 2001 |
स्टार कास्ट | सनी देओल, अमीषा पटेल, अमरीश पूरी |
प्रोड्यूसर का नाम | नितिन केनी |
लेखक का नाम | शक्तिमान तलवार |
डिस्ट्रिब्यूटेशन | ज़ी स्टुडियो |
नरेशन | ओम पूरी |
बजट | 190 मिलियन रुपए |
बॉक्स ऑफिस | 1.33 बिलियन रुपए |
अनिल शर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म गदर जब रिलीज हुई तो उन्हें जनता से इतना प्यार मिला कि वो फुले नहीं समा रहे थे। एक इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि फैन के द्वारा सबसे क्रेज़ी मोमेंट कौनसा था? वो अपने मेमोरी को रिकोल करते हुये कहते है कि फिल्म रिलीज होते ही तकरीबन 11 बजे उनके पास किसी मूवी थियेटर के मालिक का कॉल आता है और कहता है कि अनिल जी आपने ऐसी कौनसी मूवी बना दी जिससे जनता पागल हो गई है और वो भी इंटरवल में ही। अब इंटरवल में यह हालत है कि मेरे थियेटर के आगे 3000 लोग खड़े है और कह रहे है कि उन्हें आधी फिल्म को भी देखने दिया जाये। उस समय अनिल जी ने उस मालिक को कहा कि यह तो बड़ी खुशी की बात है इसमें इतना परेशान होने वाली क्या बात है?
यह बात जब उन्होने अपनी पत्नी को बताई तो उनकी पत्नी ने एक अखबार दिया जिसमें गदर का रिवियू दिया गया था। जब अनिल ने वो अखबार पड़ा तो पाया कि गदर एक प्रेम कथा में गदर को काट कर गटर लिखा हुआ था यानि कि गटर एक प्रेम कथा नाम दे दिया गया था। उस दिन एक अच्छा और बुरा दोनों रिवियू आए तो उन्हें लगा कि सबकी अलग अलग पसंद है जिसको जो पसंद आएगा वो अपनी पसंद के अनुसार ही काम करेगा।
शायद आप में से बहुत लोगों को पता नहीं होगा कि गदर फिल्म के साथ एक और फिल्म रिलीज हुई थी और उस फिल्म में एक बड़ा सितारा काम कर रहा था। गदर के साथ आमिर खान की लगान भी रिलीज हुई थी। मजे की बात यह थी कि दोनों ही फिल्म में देशभक्ति का एंगल था। एक में ब्रिटिश से लड़ाई हो रही थी और एक में पाकिस्तान से। इसके साथ ही दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस भी किया था।
अनिल शर्मा ने अपनी लीड एक्ट्रेस के लिए उस जमाने की हर एक विख्यात अभिनेत्री के पास अपनी फिल्म की स्क्रिप्ट लेकर गए लेकिन किसी ने बिना स्क्रिप्ट सुने लीड एक्टर का नाम सुन कर मना कर दिया तो किसी ने स्क्रिप्ट सुन कर कहा कि यह यूथ ओरियेंटेड फिल्म नहीं है और इसकी शूटिंग भी यहीं होगी तो मना कर दिया। क्योंकि उस समय ज़्यादातर फिल्म की शूटिंग विदेशों में होती थी और पीरियड ड्रामा फिल्म भी कम बनती थी। फिर अमीषा के पास इस फिल्म को लेकर गए और अमीषा को साइन किया गया। हालांकि अभी अनिल के वो सारी अभिनेत्री दोस्त है और जब भी उनसे मुलाक़ात होती है तो उन्हें इस फिल्म में काम ना करने का मलाल होता है।
गदर फिल्म का एक सीन इतना आइकोनिक बन गया कि फिल्म खत्म होने के बाद भी जनता के दिलों में घर कर गया था। उस सीन में सनी देओल पाकिस्तान में जा कर हेडपंप को उखाड़ कर उससे गुंडों की पिटाई करते है। यह छोटा सा सीन इतना आइकोनिक बन जाएगा यह पूरी गदर फिल्म की टीम को नहीं पता था।
इस फिल्म के गानों ने भी जनता के कानों में धूम मचा रखी थी, उदित नारायण और अल्का यागनिक की आवाज में उड़ जा काले कौआ गाना इतना फेमस हुआ था की हर आशिक इसे सुन कर प्रेरित हो जाता था।
निष्कर्ष
भले ही इस फिल्म को बीस साल हो गए है लेकिन जब भी फिल्म को देखते है तो 2001 वाली फिलिंग ही आती है। अगर आज की पीढ़ी में से किसी ने यह मूवी नहीं देखी है तो मेरा सुझाव है कि एक बार जरूर देखे। देखने के बाद इस मूवी के कायल नहीं हुये तो कहना। इस मूवी की कहानी भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय की है और अंतरजातीय विवाह के ऊपर बेस्ड है। तारा और सक्कू की प्यार भरी नोंक झोंक के साथ-साथ अपनी पत्नी को पाकिस्तान मिलने के इर्द-गिर्द पूरी कहानी घूमती रहती है।
तो आपको गदर: एक प्रेम कथा के बारे में यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेन्ट बॉक्स में लिख कर जरूर बताएं और इसके साथ और भी कोई सुझाव हो तो वो भी हमें कमेन्ट बॉक्स में लिखे देवे जिससे हम सभी साथ साथ ग्रो कर सकें। फिर मिलेंगे अगले लेख में तब तक अलविदा राम राम।