Shani Puja: कैसे और किस समय करनी चाहिए शनिदेव की पूजा, महिलाओं को नहीं चढ़ाना चाहिए शनि देव पर ये चीज, जानें कुछ खास उपाय

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Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय का देवता कहा जाता है. सूर्य देव के पुत्र शनि देव कर्मों के फलदाता माने जाते हैं. उनकी पूजा से जीवन की सारी बाधाएं और कष्ट दूर हो जाते हैं. शनि देव की पूजा से शुभ कर्मों का फल प्राप्त होता है और बुरे कर्मों के दुष्प्रभाव कम होते हैं.

शनिदेव की पूजा करने की विधि :
1. शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
2. शनिदेव की मूर्ति पर तेल, फूल-माला चढ़ाएं.
3. शनिदेव को पंचामृत से स्नान कराएं.
4. शनिदेव को फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं.
5. तिल के तेल या सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
6. शनिदेव की स्तुति का पाठ करें.
7. पूजा का समापन शनिदेव की आरती से करें.
8. पूजा के बाद असहाय लोगों को भोजन कराएं.
9. व्रत का पारण काली उड़द की दाल की खिचड़ी से करें.

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शनिदेव की पूजा से जुड़ी कुछ और बातें:
1. शनिदेव की पूजा के लिए शास्त्रों में समय निर्धारित किया गया है. शनिदेव की पूजा सूर्यास्त के बाद करनी चाहिए.
2. शनिदेव की पूजा करते समय मुंह पश्चिम की तरफ़ होना चाहिए.
3. शनिदेव की पूजा करते समय लाल रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. नीले और काले रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
4. शनिदेव की पूजा करते समय उनकी आंखों में नहीं देखना चाहिए.
5. शनिदेव की पूजा में शमी के पत्ते, शमी के फूल, जड़, और उसका फल चढ़ाना चाहिए.

शनि देव की पूजा का सही समय : शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शास्त्रों में शनि देव की पूजा का सही समय सूर्यास्त के बाद माना जाता है. इस समय पूजा करने से वह भक्तों पर प्रसन्न होते हैं. शनि देव की पूजा अमूमन शाम 6 बजे के बाद करनी चाहिए.

कैसे करें शनि देव की पूजा : पूजा के समय शनि महाराज को शमी के पत्ते, शमी के फूल, जड़ और उसका फल चढ़ाया जाता है. इससे शनि देव का आशीर्वाद मिलता है, दुख दूर होते हैं और धन संकट भी खत्म होता है. शमी के पौधे को जल चढ़ाने और उसके नीचे सरसों का दीपक जलाने से शनि देव खुश होते हैं. शनिवार के दिन आप अपने घर पर शमी का पौधा लगा सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार, शनि देव की मूर्ति स्पर्श करने से महिलाओं पर शनि की नकारात्‍मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है. इसके साथ ही औरतों को शनि देव की मूर्ति पर तेल चढ़ाना भी वर्जित माना जाता है. अगर आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहती हैं तो शनि देव के मंदिर में सरसों तेल का दीपक जला सकती हैं. ऐसा माना जाता है कि तिल के तेल और कपास की बाती के साथ लोहे का दीया चढ़ाने से शनि देव को प्रसन्न करने और हमारे ग्रह संबंधी अवरोधों को दूर करने में मदद मिल सकती है. हालाँकि, हर अनुष्ठान और भेंट के पीछे, हम जिस इरादे से इसे करते हैं, वह वास्तव में मायने रखता है.

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भगवान शनि देव के भोग में तिल, गुड़, खिचड़ी, काले तिल से बनी चीजें और गुलाब जामुन का भोग लगाना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भोग सात्विक और शुद्ध हो. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन चीजों का भोग लगाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और इंसान की कुंडली से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या का बुरा प्रभाव कम होता है. अनुशासन और न्याय से जुड़े शनि देव तब क्रोधित होते हैं जब लोग बेईमान, अनैतिक या अनैतिक व्यवहार करते हैं . कर्तव्यों की उपेक्षा करना, बड़ों का अनादर करना और वंचितों के साथ दुर्व्यवहार करना भी उनके क्रोध का कारण बनता है.

महिलाओं को कैसे करनी चाहिए शनिदेव की पूजा : हिंदू धर्म शास्त्रों में महिलाओं को शनिदेव की पूजा करना वर्जित नहीं हैं. वो भी शनिदेव की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा कर सकती हैं. लेकिन उन्हें कुछ नियमों का पालन करते हुए शनिदेव की पूजा करनी है.

1- शनि देव की पूजा करते समय महिलाओं का उनकी मुर्ति को स्पर्श करना वर्जित है.
2- महिलाओं का शनिदेव की मुर्ति पर तेल चढ़ाना भी मना है. ऐसा करने पर उन पर शनिदेव का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
3- शनिदेव की कृपा पाने के लिए महिलाएं मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जगा सकती हैं.
4- महिलाएं शनिवार के दिन शनि से जुड़ी चीज़ों जैसे सरसों तेल, काले वस्त्र, काले जूते, लोहे का बर्तन, काली उड़द दाल, काला तिल आदि का दान कर सकती हैं.
5- शनिदेव के मंत्रों का जाप महिलाएं कर सकती हैं. इसके लिए शास्त्रों में किसी तरह की कोई मनाही नहीं है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha

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