मृगशिरा नक्षत्र : तारामंडल में 27 नक्षत्र होते हैं और इनमें मृगशिरा एक अहम नक्षत्र है. मृगशिरा का अर्थ होता है मृग शिरा यानी हिरण का सिर. मृगशिरा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों की प्रवृत्ति थोड़ी चंचल होती है और वे भौतिकता के पीछे भागने वाले होते हैं. कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि इनकी इच्छा इन पर हावी होती है. इनमें आध्यात्मिकता की भावना होती है. मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे लोग अपनों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं.मृगशिरा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों के बारे में जानिए…
मृगशिरा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने मुताबिक काम करने वाले होते हैं. यही नहीं वे समाज द्वारा बनाए गए नियमों का भी पालन नहीं करते हैं. हालांकि, इन लोगों की भावनाएं प्रबल होती हैं और ये एक अच्छे श्रोता भी होते हैं. इनमें अपनों के प्रति प्रेम देखने को मिलता है और उसे पाने के लिए ये कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं. वे अपनों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.
मंगल के प्रभाव से होते हैं ऊर्जावान: मृगशिरा नक्षत्र में जन्म लेने वालों का ग्रह स्वामी मंगल है इसलिए ये काफी ऊर्जावान होते हैं. ये लोगों से काफी प्रेम करते हैं और खुद भी ऐसा ही चाहते हैं. इन्हें धोखा बर्दाश्त नहीं होता. इतना ही नहीं मृगशिरा नक्षत्र का आधा भाग वृषभ और आधा मिथुन राशि में है. ऐसे में इन पर वृषभ राशि स्वामी ग्रह शुक्र और मिथुन राशि स्वामी ग्रह बुध का भी प्रभाव बना रहता है.
आकर्षक होते हैं मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे लोग : अगर इनकी शारीरिक बनावट की बात करें तो ये काफी मजबूत कदकाठी वाले होते हैं. इनकी सेहत भी अच्छी होती है और इन्हें उत्तम संतान सुख मिलता है. इन्हें घूमना पसंद होता है. देखने में तो ये काफी साहसी लग सकते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही होती है. हालांकि ये किसी भी काम को मन लगाकर करते हैं.वहीं महिलाओं की बात करें तो इनमें भी यही लक्षण देखने को मिलता है, लेकिन मृगशिरा नक्षत्र की महिलाएं काफी आकर्षक और काम को समय से पूरा करने वाली होतीं हैं. ये काफी बुद्धिमान लेकिन स्वार्थी होती हैं. बातचीत के दौरान कुछ भी कहने में ये परहेज नहीं करतीं और खरी-खरी कह देती हैं जिससे झगड़े की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है. इनमें आभूषण और स्वादिष्ट भोजन के प्रति ज्यादा रुचि देखने को मिलती है.
ग्रहों के कारण होती है परेशानी : यदि शुक्र, मंगल और बुध में से कोई भी ग्रह अच्छी स्थिति में न हो तो व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहने के साथ ही असंतुष्ट, चंचल, डरपोक और क्रोधी होता है. अपने इन लक्षणों के कारण वे अपने जीवन को जटिल बना लेते हैं. इस कारण इन्हें सुख नहीं मिलता और परेशान रहते हैं.
मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे लोगों के नकारात्मक पक्ष :
1. कई बार इस नक्षत्र में जन्मे लोग काफी स्वार्थी होते हैं.
2. बेहद चंचल स्वभाव के कारण अपना नुकसान करवा बैठते हैं.
3. किसी भी चीज के आकर्षण में जल्दी आ जाते हैं.
इस चरण में जन्मे जातक के ऊंचे कंधे, ऊंची नाक होती है. इस चरण में जन्मा जातक ज्यादा सोच-विचार करने वाला, सामाजिक, रोमांटिक और उच्च जनसंपर्क अधिकारी होता है.सुंदर दांत, चौड़ी नाक, भूरे बाल होते हैं, मृगशिरा नक्षत्र में जन्में लोग, इमोशंस पर नहीं कर पाते कंट्रोल.
मृग+शिरा का अर्थ है— हिरण का सिर. यह एक सौम्य नक्षत्र है. यह बिना वजह के संदेह और गलतफहमी का नक्षत्र भी है. इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति नए अनुभवों और बहुआयामी प्रकृति की तलाश करनेवाले, निरंतर चिंतनशील, जल्दी थकनेवाले और सुस्त प्रकृति के होते हैं. मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों का जीवन साथी से तनाव रह सकता है. इस नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति आध्यात्मिकता की ओर झुकाव रखता है. मृगशिरा नक्षत्र के चार चरणों के प्रभाव.
प्रथम चरण इसका स्वामी सूर्य है. इस चरण में शुक्र, मंगल और सूर्य का प्रभाव है. इस चरण की राशि वृषभ 53 डिग्री 20 सेकंड से लेकर 56 डिग्री 40 सेकंड तक होती है. इसमें जन्मे जातक के नेत्र सामान्य, सुंदर दांत, चौड़ी नाक, भूरे बाल होते हैं और ये अहंकारी प्रवृत्ति के होते हैं. जातक शिक्षित, मेधावी व भावुक होता है.
द्वितीय चरण इस चरण का स्वामी बुध है. इसमें शुक्र, मंगल और बुध का प्रभाव होता है. यह चरण वृषभ राशि में 56 डिग्री 40 मिनट से लेकर 60 डिग्री तक होता है. इस चरण में जन्मा जातक अल्प साहसी, डरपोक, दुबला-पतला, कुंठाग्रस्त होने के साथ-साथ गणितज्ञ और अच्छा सैनिक भी हो सकता है.
तृतीय चरण इस चरण का स्वामी शुक्र है. इसमें बुध, मंगल और शुक्र का प्रभाव है. यह चरण मिथुन राशि में 60 डिग्री से लेकर 63 डिग्री 20 सेकंड तक है. इस चरण में जन्मे जातक के ऊंचे कंधे, ऊंची नाक होती है. इस चरण में जन्मा जातक ज्यादा सोच-विचार करनेवाला, सामाजिक, रोमांटिक और उच्च जनसंपर्क अधिकारी होता है.
चतुर्थ चरण इस चरण का स्वामी मंगल है. इसमें बुध, मंगल का प्रभाव होता है. यह चरण मिथुन राशि में 63 डिग्री 20 सेकंड से लेकर 66 डिग्री 40 सेकंड तक होता है. इस चरण में जन्मे जातक धार्मिक वचन, क्रियाशील, हिंसक सेनापति, परामर्शदाता या अच्छे ज्योतिषी भी हो सकते हैं.
मृगशिरा नक्षत्र व्यवसाय और संबंधित क्षेत्र : जिन लोगों का जन्म मृगशिरा नक्षत्र में होता है, उनके लिए वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, मृगशिरा नक्षत्र के बारे में कहा जाता है कि यह नक्षत्र यात्रा और लेखन के क्षेत्र में करियर के लिए फ़ायदेमंद होता है, मृगशिरा नक्षत्र वाले कपड़ा व्यापार, संगीतज्ञ, आफिस कार्य, जेलर, साफ्टवेयर इंजीनियर, अधिकारी-जज भी हो सकते हैं
उपाय :
1. मृगशिरा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों को खैर के पेड़ की पूजा करनी चाहिए.
2. मृगशिरा नक्षत्र में किसी ज़रूरतमंद को दूध का दान करने से कर्ज़ और कष्ट से मुक्ति मिलती है.
3. मानसिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए, चंदन को पीसकर उसका तिलक लगाना चाहिए.
4. जीवनसाथी के लिए, कच्चा नारियल लेकर किसी मंदिर या धार्मिक स्थल पर जाना चाहिए और राहु की स्तुति का पाठ करना चाहिए.
5. लवमेट के साथ संबंधों में मधुरता लाने के लिए, एक पान का पत्ता लें और उस पर थोड़ा-सा कत्था लगाएं. इसके बाद, उस पान के पत्ते को मोड़कर सफ़ेद रंग के कागज़ में लपेटकर हनुमान जी के मंदिर में चढ़ाएं.
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FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 10:47 IST