कार्तिक अमावस्या का पावन पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होता है. कार्तिक अमावस्या के दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. उसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जाने-अनजाने में किए गए उसके सारे पाप मिट जाते हैं. श्रीहरि की कृपा से जीवन के अंत में व्यक्ति को मोक्ष मिलता है. कार्तिक अमावस्या का दिन पितरों की पूजा और तर्पण का भी है. इस दिन आप पितरों को खुश करके पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि कार्तिक अमावस्या कब है? कार्तिक अमावस्या पर स्नान और दान का मुहूर्त क्या है? कार्तिक अमावस्या पर पितरों की पूजा का समय क्या है? कार्तिक अमावस्या का महत्व क्या है?
कार्तिक अमावस्या 2024 तारीख
दृक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक अमावस्या की तिथि की शुरूआत 31 अक्टूबर गुरुवार को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से हो रही है. कार्तिक अमावस्या तिथि 1 नवंबर शुक्रवार को शाम 6 बजकर 16 मिनट तक मान्य है. ऐसे में उदयातिथि के आधार कार्तिक अमावस्या का पावन पर्व 1 नवंबर को मनाया जाएगा.
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कार्तिक अमावस्या 2024 मुहूर्त
1 नवंबर को कार्तिक अमावस्या के दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:48 ए एम से लेकर 05:40 ए एम तक है. प्रातः सन्ध्या का समय 05:14 ए एम से 06:32 ए एम तक है. उस दिन का शुभ समय यानी अभिजीत मुहूर्त 11:39 ए एम से दोपहर 12:23 पी एम तक है.
2 शुभ योग में है कार्तिक अमावस्या 2024
इस बार कार्तिक अमावस्या पर 2 शुभ योग बन रहे हैं. पहला प्रीति योग सूर्योदय से लेकर सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक है, उसके बाद आयुष्मान योग बना है, जो पूर्ण रात्रि तक है. कार्तिक अमावस्या पर स्वाति नक्षत्र है, जो 2 अक्टूबर को तड़के 3 बजकर 31 मिनट तक है. उसके बाद से विशाखा नक्षत्र है.
कार्तिक अमावस्या 2024 स्नान दान समय
कार्तिक अमावस्या का स्नान का शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त है. इस समय में आपको स्नान के बाद दान करना चाहिए. हालांकि ब्रह्म मुहूर्त में आप स्नान न कर पाएं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, आप सूर्योदय से सुबह 10 बजकर 41 मिनट के बीच कभी भी कर सकते हैं. उस समय प्रीति योग रहेगा. स्नान के बाद ही दान का विधान है.
कार्तिक अमावस्या पर क्या दान करें?
कार्तिक अमावस्या के दिन आपको सूर्य देव से जुड़ी वस्तुओं का दान कर सकते हैं. हालांकि आप चाहें तो गर्म कपड़े, कंबल, धन, अन्न, भोजन आदि का भी दान कर सकते हैं. इससे आपको पुण्य लाभ होगा.
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कार्तिक अमावस्या 2024 पितरों की पूजा का समय
कार्तिक अमावस्या के दिन आप स्नान के बाद अपने पितरों के लिए तर्पण करें. इससे पितर तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं. उसके बाद कार्तिक अमावस्या पर दिन में 11:30 बजे से लेकर दोपहर 03:30 बजे के बीच में पितरों के लिए पिंडदान, श्राद्ध, दान, ब्राह्मण भोज, पंचबलि कर्म आदि कर सकते हैं. इससे पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है.
कार्तिक अमावस्या का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक माह में भगवान विष्णु का जल में वास होता है. जो लोग पूरे कार्तिक माह में पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उनको श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है. कार्तिक अमावस्या और कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान का विशेष महत्व है. इस दिन पुण्य और मोक्ष दोनों प्राप्त होता है.
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FIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 08:47 IST