Chhath Puja 2024: लोक आस्था के महापर्व छठ की नहाय-खाय के साथ शुरुआत हो चुकी है. यह पर्व संतान की प्राप्ति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है. इस पर्व में भगवान भास्कर और छठी मइया की पूजा का विधान है. नहाय-खाय के दिन व्रती गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं. इस व्रत को लेकर लोगों के जहन कई सवाल होते हैं, जिन्हें वे जानना चाहते हैं. इसलिए हम आपके ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब लेकर आए हैं. आइए जानते हैं छठ महापर्व से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब-
छठ पूजा कब है
पंचांग के अनुसार, छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी 05 नवंबर से हो रही है. वहीं, इसका समापन अष्टमी तिथि यानी 08 नवंबर को होगा.
छठ पूजा क्यों मनाया जाता है
छठ पूजा का पर्व सूर्य देव को धन्यवाद देने और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। लोग इस दौरान सूर्य देव की बहन छठी मईया की भी पूजा करते हैं
छठ पूजा कैसे मनाया जाता है
छठ पूजा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करने के बाद छठ व्रत का संकल्प लें. व्रती को छठ पूजा के दिन अन्न ग्रहण करना नहीं चाहिए. छठ के पहले दिन संध्याकाल अर्घ्य होता है, जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस या पीतल की टोकरी या सूप का इस्तेमाल किया जाता है.
छठ पूजा कहां मनाया जाता है
छठ पूजा एक हिंदू त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में मनाया जाता है. हालांकि, आजकल ये त्योहार देशभर में मनाया जाने लगा. इस दिन भक्त छठी मईया और भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना और कठिन व्रत का पालन करते हैं. छठ पूजा 4 दिनों तक चलता है.
छठ पूजा की कहानी
छठ का व्रत त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने रखा था. पौराणिक कहानी के अनुसार, जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी.
विहार में छठ पूजा क्यों मनाया जाता है
छठ पूजा का पर्व सूर्य देव को धन्यवाद देने और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन लोग सूर्य देव की बहन छठी मईया की भी पूजा करते हैं. ताकि स्वास्थ्य की समस्याएं परेशान ना करें.
छठ पूजा सबसे पहले किसने किया
पौराणिक कथाओं के अनुसार, छठ पूजा की शुरुआत महाभारत के समय में हुई थी. इसलिए सबसे पहले सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्यदेव की पूजा शुरू की थी. वह प्रतिदिन घंटों तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देता था. इसके बाद सूर्यदेव के आशीर्वाद से वह महान योद्धा बना.
छठ पूजा गीत
कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…केलवा के पात पर उगेलन सुरुजमल झांके झुके…उग हो सूरज देव…उगिहें सूरज गोसईयां हो…पहिले पहिल हम कईनी.. छठी मईया व्रत तोहार…रुनकी झुनकी बेटी मांगीला, पढ़ल पंडितवा दामाद…
छठ मां के पति कौन थे?
पुराणों के अनुसार छठी मइया के पति का नाम ‘कार्तिकेय’ है. कार्तिकेय जो भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं और भगवान गणेश के भाई भी हैं. श्रीमद भागवत महापुराण के अनुसार प्रकृति के छठे अंश से प्रकट हुई 16 माताओं में सबसे प्रसिद्ध छठी मइया हैं, जो कार्तिकेय की पत्नी हैं.
छठ गीत लिरिक्स
असिया पूरन होय…हे दीनानाथ दर्शन दिहि ना आपन…सोना सट कुनिया हो दीनानाथ…भोरवे में नदिया नहाईला आदित मनाईला हो
FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 12:59 IST