राक्षस जैसी दिखने वाली ये मूर्ति घर को बचाती है नजर दोष से, जानें कीर्तिमुख से होने वाले फायदे और पौराणिक कथा

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हाइलाइट्स

यह मूर्ति आपके घर को नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाती हैं.कीर्तिमुख मूर्ति लगाने से आपके घर के अंदर सकारात्मकता आती है.

Benefits of Kirti Mukh : घर बनाने से पहले खास तौर पर हिन्दू धर्म में कई सारी चीजों का ध्यान रखा जाता है. शुभ मुहूर्त में कार्य शुरू कराना, वास्तु शास्त्र से जुड़े नियमों का पालन करना आदि. वहीं जब घर बनकर तैयार होता है तो इसे बुरी नजर से बचाने के लिए भी कई उपाय किए जाते हैं. आपने कई घरों के बाहर एक क्रूर, शेर के चेहरे जैसे दिखाई देने वाले राक्षस की प्रतिमा देखी होगी. इसे कीर्तिमुख मूर्ति कहा जाता है और ऐसा मना जाता है कि यह बुरी नजर से बचाती है. क्या है इस मूर्ति के पीछे की कहानी और क्या मिलते हैं इससे लाभ, आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

कीर्तिमुख मूर्ति लगाने के लाभ
1. यह मूर्ति आपके घर को नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाती हैं यह इसका सबसे पहला लाभ है. बता दें कि, बुरी नजर में नकारात्मक ऊर्जा, बुरी आत्माओं और बुरे प्रभाव आदि शामिल होते हैं जिससे यह मूर्ति सुर​क्षा देती है.

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2. कीर्तिमुख मूर्ति लगाने से आपके घर के अंदर सकारात्मकता आती है, जिससे सद्भाव और शांति को बढ़ावा मिलता है. इससे आपके परिवार के सदस्यों के बीच बेहतर रिश्ते बनते हैं और कलह या क्लेश नहीं होते.

3. घर में जब आप कीर्तिमुख लगाते हैं तो इससे घर में समृद्धि, सफलता और खुशी आकर्षित होती है. इस मूर्ति को ज्योतिष और वास्तु शास्त्र दोनों में महत्व दिया गया है और इसे शुभता का प्रतीक भी माना गया है.

कीर्तिमुख की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव जब ध्यान में लीन थे. तब राहु ने अपनी शक्तियों के घमंड में भगवान शिव के सिर पर विराजमान चंद्रमा को ग्रहण लगा दिया था जिससे क्रोधित होकर उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोली और तब महादेव ने राहु को मारने के लिए कीर्तिमुख की उत्पत्ति की. जिसके बाद राहु ने खुद को बचाने महादेव से क्षमा मांगी.

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भगवान शिव ने कीर्तिमुख को रुकने का आदेश दिया और वे ध्यान में लीन हो गए लेकिन कीर्तिमुख अपनी भूख को नियंत्रित नहीं कर पा रहा था और तब उसने अपनी पूंछ को ही खाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते अपने शरीर को खा गया. जब महादेव का ध्यान टूटा तो देखा कीर्तिमुख के केवल मुख और दो हाथ ही शेष बचे हैं. यह देखकर भगवान शिव ने उसे वरदान दिया कि जहां तुम विराजमान हो जाओगे वहां किसी भी प्रकार की नकारात्मकता का वास नहीं होगा.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion

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