चंद्रमा किस घर में बनाता है कौनसा योग, क्या आपकी कुंडली में हैं ये शुभ योग? जानें इनके फायदे

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हाइलाइट्स

चंद्रमा से पिछले भाव में कोई भी ग्रह होता है तो अनफा योग का निर्माण होता है.चन्द्रमा से दूसरे भाव में सूर्य को छोड़कर कोई भी ग्रह होता है तो यह सुनफा नामक योग का निर्माण करता है.

Chandra Yoga In Kundali : हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का अत्यधिक महत्व बताया गया है. इसमें निहित अंकों का हमारी जिंदगी पर बड़ा प्रभाव पड़ता है और ये संख्या हजारों में है. वहीं दूसरी ओर आपकी कुंडली में योग ग्रहों के द्वारा बनते हैं और इनमें भी चंद्रमा से बनने वाले कई योग का सीधा असर मनुष्य के मन और संस्कारों पर पड़ता है. यही कारण है कि, चंद्रमा से बनने वाले योग अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं. भोपाल निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश चौरे के अनुसार, यदि आपकी कुंडली में किसी ग्रह से राजयोग बनता है तो आपकी जिंदगी का असर साफ तौर पर ​दिखाई देता है. ऐसा व्यक्ति किसी उच्च पद पर आसीन होता है या फिर अच्छा राजनेता भी बन सकता है. वहीं जब कुंडली में धन योग होता है तो ऐसे व्यक्ति के पास धन की कोई कमी नहीं रहती. फिलहाल, जानते हैं चंद्रमा से बनने वाले योग के बारे में.

आपकी जन्मपत्री या कुंडली में चन्द्रमा से इस प्रकार होता है योगों का निर्माण
– ज्योतिषाचार्य के अनुसार, जब चंद्रमा से पिछले भाव में कोई भी ग्रह होता है तो अनफा योग का निर्माण होता है.

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– जब चन्द्रमा से दूसरे भाव में सूर्य को छोड़कर कोई भी ग्रह होता है तो यह सुनफा नामक योग का निर्माण करता है.

– यदि चंद्रमा से दूसरे और 12वें भावों में सूर्य को छोड़कर कोई भी ग्रह स्थित होता है तो ऐसे में दुरधरा योग का निर्माण होता है.

– जब इन तीनों (सुनफा, अनफा, दुरधरा) में से कोई भी योग कुंडली में नहीं होता और चंद्रमा से दूसरे और 12वें भाव में कोई ग्रह उपस्थि​त नहीं होता है तो ऐसी स्थिति तें अशुभ योग बनता है और इसका नाम केमद्रुम है.

– जब एक ही राशि में बृहस्पति और चन्द्रमा होते हैं या फिर एक-दूसरे से केन्द्र में होते हैं तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है.

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– इसके अलावा जब आपकी कुंडली में किसी भी भाव में चन्द्रमा और मंगल दोनों एक साथ मौजूद हों तो ऐसे में चन्द्र मंगल योग का निर्माण होता है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion

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