Astro Tips: शुक्र ग्रह का संबंध माता लक्ष्मी से है, इसलिए इसका संबंध धन और ऐश्वर्य से माना जाता है. साथ ही शुक्र ग्रह का संबंध कलात्मकता, सौंदर्य, कामुकता, वासना, वैवाहिक जीवन, गृहस्थ जीवन और जमीन जायदाद इत्यादि से भी होता है. अतः स्पष्ट है कि जिसकी कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, उसके अंदर ये सभी गुण होते हैं. उसे सुंदर जीवनसाथी, अच्छी नौकरी, अच्छा वैवाहिक जीवन, सुडौल शरीर प्राप्त होता है. उसके जीवन में सुख की कोई कमी नहीं रहती है.
यदि कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हो तो यह सब बातें दोष बन जाती है. ऐसे व्यक्ति को मनचाहा प्यार, मनचाही नौकरी, मनचाहा जीवनसाथी नहीं मिलता. इसके वैवाहिक जीवन में भी सदा क्लेष बना रहता है. इसलिए हमारी कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति को हमेशा मजबूत रखना चाहिए. इसलिए ज्योतिष शास्त्र कहता है कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति हमेशा शुभ होनी चाहिए. सूर्य के बहुत पास होने के कारण शुक्र का तीव्र तेजस्वी और प्राकृतिक रूप से सुंदर ग्रह है. सूर्य और चंद्र के अलावा शुक्र को भी हम आकाश में देख सकते हैं.
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जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र की स्थिति प्रबल होती है वह सुखी होता है. लेकिन शुक्र ग्रह के कुछ ऐसे भी प्रभाव होते हैं, जिससे कुंडली में शुक्र दोष उत्पन्न हो जाए तो व्यक्ति को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. शुक्र के कुप्रभाव से व्यक्ति में चारित्रिक दोष उत्पन्न होता है, जैसे वैवाहिक जीवन में कलह, धन का अभाव, गुप्त रोग, मानसिक अशांति, त्वचा रोग इत्यादि समस्याएं आती हैं. ऐसे में शुक्र दोष का शीघ्र समाधान करना चाहिए. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में जिन्हें अपनाकर समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
1. शुक्र ग्रह का संबंध सबसे ज्यादा सफेद वस्तुओं से होता है. इसलिए शुक्रवार के दिन दूध, दही, मक्खन, शक्कर, चावल इत्यादि वस्तुओं का दान करना चाहिए.
2. साथ ही शुक्र ग्रह का प्रभाव जमीन, धन, गाय-बैल, खेत पर भी होता है. यदि समस्या बहुत बड़ी है तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इनका भी दान कर सकते हैं. इससे वैवाहिक जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है. चारित्रिक दोष दूर होने से व्यक्ति का पतन होने से बचाव होता है.
3. यदि कुंडली में शुक्र ग्रह की वक्री हो तो शुक्रवार को चांदी या हीरे के आभूषण पहनने चाहिए.
4. यदि पति-पत्नी में हमेशा कलह या वाद-विवाद होता है तो शयनकक्ष में फिटकरी या सफेद पत्थर से जरूर रखें. यदि संभव हो तो चांदी की कटोरी में फिटकरी अवश्य रखें. इससे शुक्र ग्रह की स्थिति में सुधार आकर व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर सकारत्मक प्रभाव पड़ता है.
5. शुक्रवार को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. कई लोग इस दिन वैभव लक्ष्मी का व्रत भी रखते हैं. इस दिन कन्या पूजन भी करना चाहिए. मां लक्ष्मी को सफेद खीर का भोग लगाना चाहिए.
6. हीरा एक बहुमूल्य रत्न है. इस रत्न पर शुक्र का सबसे अधिक प्रभाव होता है. इस रत्न का संबंध शुक्र ग्रह से होता है. ऐसे में किसी प्रकार की वैवाहिक समस्याएं, सौंदर्य संबंधी समस्या आदि होने पर तर्जनी या अनामिका उंगली में हीरे की अंगूठी पहनने से लाभ मिलता है.
7. शास्त्रों में ग्रहों के शुभ प्रभाव को बढ़ाने तथा अशुभ प्रभाव को कम करने कुछ मंत्र बताए गए हैं. इन मंत्रों के उच्चारण विधि भी बताई गई है. इन मंत्रों को बीज मंत्र कहा गया है. अतः कुंडली में जिस ग्रह का दुष्प्रभाव होता है उस ग्रह के बीज मंत्र के नियमित उच्चारण से लाभ मिलता है. इसलिए यदि कुंडली में शुक्र ग्रह का दोष है तो आप इन मंत्रों का जाप करें. “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का ब्रम्ह मुहूर्त में 108 बार जाप करें. इससे जीवन से दुःख, कलह, परिवार में झगड़े समाप्त हो जाएंगे.
हीरे की अभिमंत्रित करते समय इस मंत्र ॐ शुं शुक्राय नमः का जाप करें. हीरे को अभिमंत्रित करने के बाद अनामिका या तर्जनी में धारण करें.