Chhath Puja 2024 Date-Time: आज 5 नवंबर मंगलवार को नहाय-खाय के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है. इस दिन व्रती गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं. इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं. भोजन में चावल-दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण करती हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि को नहाय खाय होता है. यह पर्व संतान की प्राप्ति और उनकी समृद्धि के लिए रखा जाता है. इस पर्व में भगवान भास्कर और छठी मइया की पूजा का विधान है. अब सवाल है कि आखिर नहाय-खाय का व्रत कैसे होता है शुरू? छठ पर कब दिया जाएगा अर्ध्य? इस बारे में News18 को बता रहे हैं प्रतापविहार गाजियाबाद के ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी-
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, लोक आस्था का महापर्व छठ कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है. इस दौरान सूर्य देव की पूजा-उपासना होती है. छठ की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इसके अगले दिन खरना करते हैं. वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य देव और सप्तमी तिथि को उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन होता है. व्रती खरना पूजा के बाद लगातर 36 घंटे तक निर्जला उपवास करती हैं.
नहाय-खाय को सूर्योदय-सू्र्यास्त का समय
पंचांग गणना के अनुसार, 05 नवंबर यानी आज नहाय खाय है. इस महापर्व के सभी मुहूर्त सूर्योदय और सूर्यास्त के टाइमिंग पर निर्भर करता है. देश की राजधानी दिल्ली में आज 6:36 बजे सूर्योदय हुआ, जबकि शाम 05:33 बजे सूर्यास्त होगा. इस दौरान व्रती स्नान और ध्यान के बाद सूर्यदेव की पूजा करेंगी और फिर सात्विक भोजन ग्रहण करेंगी.
कद्दू को सात्विक भोजन में क्यों करते हैं शामिल
नहाय-खाय के दिन छठ का व्रत रखने वाले पुरुष या महिला सात्विक भोजन का सेवन करते हैं. पहले दिन खाने में ऐसी चीजों को शामिल किया जाता है, जिससे भूख-प्यास कम लगे. नहाय-खाय के दिन बिना प्याज, लहसुन के सब्जी बनाई जाती है. इस दिन लौकी और कद्दू की सब्जी बनाने का खास महत्व होता है. नहाय-खाय में लौकी चना की दाल को भात के साथ खाया जाता है. कद्दू को खाने के पीछे की सबसे बड़ी बात यह है कि लंबे व्रत के दौरान शरीर में पानी की कमी नहीं होती है.
छठ पूजा 2024 का शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 07 नवंबर को देर रात 12:41 बजे शुरू होगी और 08 नवंबर को देर रात 12:34 बजे समाप्त होगी. ऐसे में 07 नवंबर को संध्याकाल का अर्ध्य दिया जाएगा. इसके अगले दिन यानी 08 नवंबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा.
छठ 2024 अर्घ्य देने का शुभ समय
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी 07 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं, सप्तमी तिथि यानी 08 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य जाएगा. ये समय बहुत ही उत्तम है.
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Tags: Chhath Puja, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 08:21 IST