Mohini Ekadashi 2024 Katha: वैशाख शुक्ल एकादशी पर करें श्रीहरि के मोहिनी स्वरूप की पूजा, जानें व्रत कथा, मुहूर्त, पारण – Mohini Ekadashi 2024 vrat Katha story of vaishakh shukla ekadashi puja muhurat parana samay

0
23

वैशाख शुक्ल एकादशी के व्रत को मोहिनी एकादशी के नाम से जानते हैं. इस साल मोहिनी एकादशी का व्रत 19 मई रविवार के दिन रखा जाएगा. उस दिन द्विपुष्कर योग, सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं. विष्णु पूजा के समय सर्वार्थ सिद्धि योग बना होगा, जो आपके कार्यों को सिद्ध करने के लिए अच्छा योग माना जाता है. मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा कर सकते हैं, नहीं तो आप चाहें तो श्रीहरि की पूजा कर सकते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं मोहिनी एकादशी की व्रत कथा, पूजा मुहूर्त और पारण समय के बारे में.

मोहिनी एकादशी व्रत की पौराणिक कथा
एक बार युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि वैशाख शुक्ल एकादशी के व्रत और पूजा ​की विधि क्या है? इस व्रत का महत्व क्या है? इस बारे में आप विस्तार से बताएं. इस पर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि वैशाख के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जानते हैं. महर्षि वशिष्ठ ने भगवान राम से जो इसकी कथा बताई थी, वह कथा आपको भी बताते हैं.

ये भी पढ़ें: ज्येष्ठ अमावस्या का दिन खास, इन 5 राशिवालों पर है शनि की टेढ़ी नजर, ये 3 उपाय शनिदेव की कुदृष्टि से दिला सकते मुक्ति

मोहिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप और दुख दूर हो जाते हैं. वह मोह और माया के बंधन से मुक्त हो जाता है. इसकी कथा कुछ इस प्रकार से है- भद्रावती नगर सरस्वती नदी के किनारे बसा था, जिस पर चंद्रवंशी राजा द्युतिमान शासन करता था. उसके राज्य में धनपाल नाम का एक वैश्य रहता था, जो धर्मात्मा था. वह भगवान विष्णु का परम भक्त था.

उसने नगर में लोगों की सेवा के लिए जल का प्रबंध किया था, राहगीरों के लिए कई पेड़ लगाए थे. उसके पांच बेटे थे, जिनका नाम सुमना, सद्बुद्धि, मेधावी, सुकृति और धृष्टबुद्धि था. धृष्टबुद्धि पापी, अनाचारी, अधर्मी था. वह पाप कर्मों में लिप्त रहता था. उससे परेशान होकर धनपाल ने धृष्टबुद्धि को घर से निकाल दिया.

बेघर और निर्धन होने पर उसके दोस्तों ने भी उसका साथ छोड़ दिया. उसके पास कुछ भी खाने पीने को नहीं था तो वह चोरी करके अपना गुजारा करने लगा. एक बार उसे पकड़ लिया गया, लेकिन धर्मात्मा पिता की संतान होने के कारण छोड़ दिया गया. दूसरी बार पकड़ा गया तो राजा ने उसे जेल में डाल दिया. बाद उसे नगर से ही बाहर निकाल दिया गया.

एक दिन वह भूख प्यास से परेशान होकर घूमते-घूमते कौडिन्य ऋषि के आश्रम में पहुंच गया. वह वैशाख का महीना था. ऋषि गंगा स्नान करके आए थे, उनके गीले वस्त्रों के छीटें उस पर पड़े. धृष्टबुद्धि को कुछ बुद्धि आई. उसने ऋषि कौडिन्य को प्रणाम किया और कहने लगा कि उसके बहुत पाप कर्म किए हैं. इससे मुक्ति का मार्ग बताएं.

ऋषि कौडिन्य को धृष्टबुद्धि पर दया आ गई. उन्होंने कहा कि वैशाख शुक्ल एकादशी को मोहिनी एकादशी का व्रत आने वाला है. इस व्रत को विधिपूर्वक करने से समस्त पाप नष्ट हो जाएंगे और तुम पुण्य के भागी बनोगे. उन्होंने मोहिनी एकादशी व्रत की पूरी विधि बताई. मोहिनी एकादशी के दिन उसने ऋषि के बताए अनुसार विधि विधान से व्रत किया और विष्णु पूजन किया. व्रत के पुण्य प्रभाव से व​​ह पाप रहित हो गया. जीवन के अंत में वह गरुड़ पर सवार होकर विष्णु धाम चला गया.

ये भी पढ़ें: माथे-गले पर लगाएं हल्दी का तिलक, कार्य में सफलता के साथ हो सकते हैं 5 फायदे, गुरु दोष भी मिटेगा

मोहिनी एकादशी के समान कोई श्रेष्ठ व्रत नहीं है. जो भी व्यक्ति मोहिनी एकादशी व्रत की कथा पढ़ता या सुनता है, उसे 1000 गोदान के समान पुण्य लाभ होता है.

मोहिनी एकादशी 2024 मुहूर्त और पारण
वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि की शुरूआत: 18 मई, शनिवार, 11:22 एएम से
वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि की समाप्ति: 19 मई, रविवार, 01:50 पीएम पर
सर्वार्थ सिद्धि योग: व्रत के दिन 05:28 एएम से अगले दिन 03:16 एएम तक
मोहिनी एकादशी के व्रत का पारण समय: 20 मई, सोमवार, 05:28 एएम से 08:12 एएम तक

Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu, Mohini Ekadashi, Religion

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here